गंडामन मिड डे मील मामले में पूर्व प्रधानाध्यापिका मीना देवी को 17 साल की सजा गंडामन मिड डे मील मामले में छपरा सिविल कोर्ट ने आरोपित पूर्व प्रधानाध्यापिका मीना देवी को 10 साल की सजा सुनायी है। एडीजे दो विजय आनंद तिवारी ने यह फैसला सुनाया। जब फैसला सुनाया जा रहा था तब कोर्ट में काफी भीड़ थी। पिछले 24 अगस्त को एडीजे ने अपने निर्णय में मीना को आईपीसी की धारा 304 व 308 के तहत दोषी माना था। वहीं उनके पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया था। क्या था मामला 16 जुलाई 2013 को छपरा के मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन गांव स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मिड डे मील खाने से 24 स्कूली बच्चों की मौत हो गयी थी। दिल दहला देने वाली इस घटना ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया था। देश-दुनिया में होती रही थी चर्चा इस हादसे की चर्चा काफी दिनों तक देश-दुनिया की मीडिया में होती रही। अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने भी गंडामन हादसे की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इस हादसे के बाद सही तरीके से मिड डे मील योजना के संचालन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवां
विश्व के इंडिजिनस पिपुल (आदिवासी) के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 मेँ संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने एक कार्यदल (UNWGEP) के उपआयोग का गठन हुआ जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी ।