दुनिया के महान
लोग - नेल्सन मंडेला
नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (18 जुलाई
1918 – 5 दिसम्बर 2013) दक्षिण अफ्रीका के
प्रथम अश्वेत भूतपूर्व
राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति
बनने से पूर्व
वे दक्षिण अफ्रीका
में सदियों से
चल रहे रंगभेद
का विरोध करने
वाले अफ्रीकी नेशनल
कांग्रेस और इसके
सशस्त्र गुट उमखोंतो
वे सिजवे के
अध्यक्ष रहे। रंगभेद
विरोधी संघर्ष के कारण
उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन
द्वीप के कारागार
में बिताये जहाँ
उन्हें कोयला खनिक का
काम करना पड़ा
था। 1990 में श्वेत
सरकार से हुए
एक समझौते के
बाद उन्होंने नये
दक्षिण अफ्रीका का निर्माण
किया। वे दक्षिण
अफ्रीका एवं समूचे
विश्व में रंगभेद
का विरोध करने
के प्रतीक बन
गये। संयुक्त राष्ट्रसंघ
ने उनके जन्म
दिन को नेल्सन
मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के
रूप में मनाने
का निर्णय लिया।
1941 में मंडेला जोहन्सबर्ग चले
गये जहाँ इनकी
मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और
वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई।
उन दोनों ने
राजनीतिक रूप से
मंडेला को बहुत
प्रभावित किया। जीवनयापन के
लिये वे एक
कानूनी फ़र्म में क्लर्क
बन गये परन्तु
धीर-धीरे उनकी
सक्रियता राजनीति में बढ़ती
चली गयी। रंग
के आधार पर
होने वाले भेदभाव
को दूर करने
के उन्होंने राजनीति
में कदम रखा।
1944 में वे अफ़्रीकन
नेशनल कांग्रेस में
शामिल हो गये
जिसने रंगभेद के
विरूद्ध आन्दोलन चला रखा
था। इसी वर्ष
उन्होंने अपने मित्रों
और सहयोगियों के
साथ मिल कर
अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ
लीग की स्थापना
की। 1947 में वे
लीग के सचिव
चुने गये। 1961 में
मंडेला और उनके
कुछ मित्रों के
विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा
चला परन्तु उसमें
उन्हें निर्दोष माना गया।
5 अगस्त
1962 को उन्हें मजदूरों को
हड़ताल के लिये
उकसाने और बिना
अनुमति देश छोड़ने
के आरोप में
गिरफ़्तार कर लिया
गया। उन पर
मुकदमा चला और
12 जुलाई 1964 को उन्हें
उम्रकैद की सजा
सुनायी गयी। सज़ा
के लिये उन्हें
रॉबेन द्वीप की
जेल में भेजा
गया किन्तु सजा
से भी उनका
उत्साह कम नहीं
हुआ। उन्होंने जेल
में भी अश्वेत
कैदियों को लामबन्द
करना शुरू कर
दिया था। जीवन
के 27 वर्ष कारागार
में बिताने के
बाद अन्ततः 11 फ़रवरी
1990 को उनकी रिहाई
हुई। रिहाई के
बाद समझौते और
शान्ति की नीति
द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक
एवं बहुजातीय अफ्रीका
की नींव रखी।
1994 में दक्षिण अफ़्रीका में
रंगभेद रहित चुनाव
हुए। अफ़्रीकन नेशनल
कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत
प्राप्त किये और
बहुमत के साथ
उसकी सरकार बनी।
10 मई 1994 को मंडेला
अपने देश के
सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने।
दक्षिण अफ्रीका के नये
संविधान को मई
1996 में संसद की
ओर से सहमति
मिली जिसके अन्तर्गत
राजनीतिक और प्रशासनिक
अधिकारों की जाँच
के लिये कई
संस्थाओं की स्थापना
की गयी। 1997 में
वे सक्रिय राजनीति
से अलग हो
गये और दो
वर्ष पश्चात् उन्होंने
1999 में कांग्रेस-अध्यक्ष का
पद भी छोड़
दिया।
जोहनसबर्ग में स्थित नेल्सन मंडेला ब्रिज
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