पुलिस v/s भाजपा:
कोटा. महावीर नगर थाने में सीआई श्रीराम बड़ेसरा को विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेंद्र द्वारा थप्पड़ मारने के मुद्दे पर अब रिटायर्ड पुलिसकर्मी भी एकजुट हो गए हैं। रिटायर्ड एएसपी नवनीत महर्षि ने तल्ख शब्दों में कहा कि- अगर सरकार वर्दी का सम्मान नहीं कर सकती तो डंडे की जगह चूड़ियां पहना दो और वर्दी की जगह घाघरा-लूगड़ी।
इधर, गुरुवार को कोटा पुलिस ने इस विवाद और विधायक से जुड़े सभी मामलों की जांच सीआईडीसीबी को सौंप दी है। वहीं, इस लड़ाई में अब राजनैतिक पार्टियों, समाज और संगठन के स्तर पर मोर्चेबंदी तेज हो गई है। जाट, मेघवाल, मीणा, ब्राह्मण व सर्वदलीय दलित समाज भी इस लड़ाई में कूद पड़े हैं।
गुरुवार को छात्र नेताओं ने कोटा यूनिवर्सिटी पर तालाबंदी करके विधायक का पुतला फूंका तो सीआई समर्थकों ने गर्वमेंट कॉलेज बंद करवाकर रास्ता जाम करने का प्रयास किया। प्रदेशभर के विभिन्न थानों में पुलिस मेस का बहिष्कार जारी रहा। कोटा शहर, ग्रामीण, झालावाड़, बारां और बूंदी के 30 से अधिक थानों के कई पुलिसकर्मियों ने मेस का बहिष्कार किया।
जयपुर से आए रिटायर्ड एएसपी योगेंद्र जोशी द्वारा बुधवार को दी गई मौन धरने की चेतावनी के बाद गुरुवार को कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ के रिटायर्ड हुए पुलिस अधिकारी एसपी ऑफिस पहुंच गए। सबने एकसुर में कहा कि- इतने बड़े मुद्दे पर हमारे मौजूदा गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया खामोश हैं... अगर शांति धारीवाल होते तो बात कुछ और ही होती। जो वर्दी पर थप्पड़ मार सकते हैं, वो सीमा की सुरक्षा करने वालों पर पत्थर बरसाने वालों से कम नहीं हैं।
इस दौरान रिटायर्ड एएसपी पीडी मीणा, चंद्रसिंह, सीआई सुखदेव चौधरी, एएसआई छगन सिंह, मदनलाल, धन्नालाल, जलालुद्दीन, छीतरलाल, हमीद अली, हेड कांस्टेबल राजेंद्र त्रिपाठी, निजामुद्दीन मौजूद रहे।
नहीं मिली अनुमति, हाथ जोड़कर लौटे जोशी
रिटायर्ड एएसपी योगेंद्र जोशी गुरुवार को एक दिन का मौन रखने की अनुमति मांगने एसपी सवाई सिंह गोदारा के पास पहुंचे। गोदारा ने उन्हें अनुमति नहीं दी तो उन्होंने ऑफिस के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों से हाथ जोड़कर का कि- मैं कोई राजनीति करने यहां नहीं आया, मुझे कोटा से लगाव रहा है।
जयपुर से कोटा सिर्फ पुलिस जवानों का मनोबल बढ़ाने आया था। लेकिन, अनुमति नहीं मिली इसलिए लौट रहा हूं। मैं बिना अनुमति भी यह काम कर सकता था, लेकिन पुलिसकर्मी चाहे नौकरी में हो अथवा रिटायर्ड हमेशा अनुशासन में बंधा हुआ है।
संभाग के 30 थानों में मेस का बहिष्कार
इधर चौथे दिन भी प्रदेश के 250 से अधिक थानों में मैस का बहिष्कार जारी रहा। कोटा शहर के 13, ग्रामीण क्षेत्र के 12 थानों के जवानों ने मेस का बहिष्कार कर दिया है। इसी तरह से बूंदी के नैनवां और बारां जिले के शाहाबाद, केलवाड़ा, भंवरगढ़ और नाहरगढ़ थानों में मेस का बहिष्कार किया गया। झालावाड़ से मेस के बहिष्कार की कोई सूचना नहीं है।
इधर चौथे दिन भी प्रदेश के 250 से अधिक थानों में मैस का बहिष्कार जारी रहा। कोटा शहर के 13, ग्रामीण क्षेत्र के 12 थानों के जवानों ने मेस का बहिष्कार कर दिया है। इसी तरह से बूंदी के नैनवां और बारां जिले के शाहाबाद, केलवाड़ा, भंवरगढ़ और नाहरगढ़ थानों में मेस का बहिष्कार किया गया। झालावाड़ से मेस के बहिष्कार की कोई सूचना नहीं है।
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