एक सिलेंडर की कीमत 680 रुपये, इंडियन आयल से बैंक में वापस जमा - 159 रूपये, यानी, 680 - 159= 521 रूपये। इसके पहले हमें सिलेंडर मिलता था 418 रूपये में, मतलब कुल 97 रूपये का नुकसान। अब पता ये लगाना है की मेरे द्वारा जमा पैसा ही मुझे वापस मिला। तो फिर सब्सिडी का पैसा कहाँ गया, बल्कि पहले से ज्यादा पैसे मुझे देने पड़े। ये कौन सा गणित है...? पूरा देश सोच रहा है की उसे सब्सिडी का पैसा मिल रहा है, पर जनाब ये तो हमारा पैसा ही हमें मिल रहा है। मुद्दा नम्बर :-02 देश में पेट्रोल की कीमत कैसे तय होती है, उसका पूरा प्रोसेस इस प्रकार है :- कच्चे तेल की वर्तमान कीमत = 50 डॉलर प्रति बेरेल। (जहाँ, $1 = 63/- और 1 बेरेल = 159 लीटर ) यानी, $50 = Rs.3150/- 1 लीटर कच्चा तेल भारत खरीदता है (3150/159) =19.80 रुपयों में। 1 लीटर पेट्रोल बनाने के लिए लगने वाला कच्चा तेल - 0.96 लीटर @19.80/- = 19.00/- अब कच्चे तेल में से एक लीटर पेट्रोल बनाने की फिक्स्ड कीमत होती है 6 रूपये (ट्रांसपोर्टेशन मिलाकर)। यानी, 19.00 रूपये + फिक्स्ड कीमत, 6 रूपये = 25.00 रूपये में एक लिटर पेट्रोल बनता है। अब उसमे केंद्
विश्व के इंडिजिनस पिपुल (आदिवासी) के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 मेँ संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने एक कार्यदल (UNWGEP) के उपआयोग का गठन हुआ जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी ।